पाताल के अंदर महादेव का मंदिर - Pataleshwar Mahadev Mandir Udaipur in Hindi, इसमें जमीन में गुफा के अंदर स्वयंभू शिवलिंग के बारे में बताया गया है।
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कहते हैं कि भोलेनाथ या तो जमीन से बहुत ऊपर यानी पहाड़ों में या फिर जमीन के नीचे गहराई में विराजते हैं। राजस्थान में भोलेनाथ के ऐसे बहुत से मंदिर हैं।
आज हम आपको महादेव के एक ऐसे मंदिर की यात्रा करवाने वाले हैं जिसमें शिव शंभू, पाताल में एक गुफा के अंदर विराजते हैं। जमीन के नीचे होने की वजह से इसे पातालेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
इस मंदिर का शिवलिंग स्वयंभू है यानी यहाँ पर भोले शंकर स्वयं प्रकट हुए हैं । गौरतलब है कि स्वयंभू शिवलिंग वो शिवलिंग होता है जो प्राकृतिक रूप से अपने आप बनता है।
पातालेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर का भ्रमण और विशेषता - Tour and specialty of Pataleshwar Mahadev Temple Udaipur
बाहर से देखने पर पातालेश्वर महादेव का मंदिर बड़ा ही साधारण दिखाई देता है। मंदिर से सटकर एक नहर बह रही है।
यह नहर मदार झील को फतेहसागर झील से जोड़ती है। इस नहर के माध्यम से मदार झील का पानी फतेहसागर झील में छोड़ा जाता है।
नहर को पार करके जैसे ही मंदिर परिसर में जाते हैं तो सामने पातालेश्वर महादेव के मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियाँ नजर आती है।
इन सीढ़ियों के पीछे गणेश जी की प्रतिमा और उसके सामने एक धूणी नजर आती है। लेफ्ट साइड में बरगद का एक विशाल पेड़ लगा हुआ है।
पातालेश्वर महादेव का मंदिर जमीन के लगभग 15-20 फीट नीचे एक गुफा के अंदर बना हुआ है। नीचे गुफा में जाने के लिए पक्की सीढ़ियाँ बनी हुई है।
स्थानीय लोग ऐसा बताते हैं कि आज से लगभग 15 साल पहले ये सीढ़ियाँ नहीं थी। यहाँ पर इनकी जगह एक लोहे की चैन लटकी रहती थी। उस समय लोग लोहे की चैन के सहारे चट्टान पर पैर रखते हुए नीचे उतरते थे।
नीचे मंदिर के अंदर जाने पर थोड़ी खुली जगह है। चारों तरफ लटकी हुई चट्टान दिखाई देती है। सामने भोलेनाथ विराजमान है। भोलेनाथ के सामने प्राकृतिक रूप से बना हुआ गोमुख है।
ऐसा बताया जाता है कि पहले ये शिवलिंग यहाँ की चट्टान का ही एक हिस्सा था और इसका रंग चट्टान जैसा ही था। बाद में समय के साथ शिवलिंग में थोड़ा बदलाव आने की वजह से यहाँ पर अष्टधातु का शिवलिंग प्रतिष्ठित किया गया।
शिवलिंग के बगल में पीछे की तरफ एक छोटी सुरंग बनी हुई है। कुछ लोग ऐसा बताने है कि इस सुरंग में थोड़ा आगे जाने पर महादेव के मंदिर जैसी खुली जगह बनी हुई है।
ऐसा भी बताया जाता है कि ये सुरंग यहाँ से उबेश्वर महादेव के मंदिर तक जाती है। इस सुरंग जैसी दूसरी एक और सुरंग सीढ़ियों के नीचे की तरफ भी नजर आती है।
नहर से सटा हुआ होने की वजह से बारिश के मौसम में कई बार पातालेश्वर महादेव के इस मंदिर में पानी भर जाता है, फिर समय के साथ वो पानी कहीं चला भी जाता है।
ऐसा लगता है कि सुरंग में एक तरफ से पानी आता है और फिर समय के साथ दूसरी तरफ से निकल जाता है।
मंदिर में बड़ा शांत माहौल है। यहाँ पर आपको कुछ समय बैठ कर भोलेनाथ का स्मरण जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से मन में अजीब सी शांति मिलती है।
पातालेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर का इतिहास - History of Pataleshwar Mahadev Temple Udaipur
यह मंदिर कितना पुराना है इस बात को दावे के साथ नहीं कहा जा सकता लेकिन फिर भी एक अनुमान के अनुसार यह मंदिर लगभग सात आठ सौ वर्ष पुराना तो है।
अब प्रश्न यह उठता है कि इस मंदिर का पता कैसे चला? दरअसल इस मंदिर की खोज कुछ साधु संतों द्वारा अचानक ही हो गई थी।
ऐसा बताया जाता है कि वर्षों पहले इस नहर के किनारे पर कुछ साधु संत ठहरे हुए थे। उस समय उन्हें नहर के पास एक गुफा जैसी आकृति नजर आई।
जब उन्होंने उस जगह पर थोड़ी खुदाई करके मलबा हटाया तब उन्हें जमीन के नीचे भोलेनाथ का यह मंदिर और स्वयंभू शिवलिंग नजर आया।
पातालेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर का समय - Pataleshwar Mahadev Temple Udaipur Timings
पातालेश्वर महादेव मंदिर सप्ताह के सातों दिन और चौबीसों घंटे दर्शन के लिए खुला रहता है। श्रद्धालु यहाँ पर कभी भी आकर भोलेनाथ के दर्शन कर सकते हैं।
पातालेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर में प्रवेश शुल्क - Entry Fee at Pataleshwar Mahadev Temple Udaipur
इस मंदिर में प्रवेश करने का कोई शुल्क नहीं है। यहाँ पर प्रवेश निशुल्क है।
पातालेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर के आस पास घूमने की जगह - Places to visit near Pataleshwar Mahadev Temple Udaipur
पातालेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर के सबसे पास प्रताप गौरव केंद्र है। आप यहाँ पर महाराणा प्रताप की विशाल प्रतिमा देख सकते हैं।
इसके साथ नीमच माता, फतेहसागर झील, शिल्प ग्राम आदि भी देख सकते हैं।
पातालेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर कैसे जाएँ? - How to reach Pataleshwar Mahadev Temple Udaipur?
पातालेश्वर महादेव मंदिर, उदयपुर की बड़गाँव तहसील का पार्ट है। रेलवे स्टेशन से इस मंदिर की दूरी लगभग 9 किलोमीटर है।
यहाँ जाने के लिए सहेलियों की बाड़ी से आगे नीमच माता रोड पर राइट साइड में प्रताप गौरव केंद्र की तरफ जाने वाली सड़क पर नहर के बगल में चलना होता है।
आगे जाने में लेफ्ट साइड में प्रताप गौरव केंद्र की तरफ रास्ता जाता है लेकिन आपको नहर के साथ सीधा जाना है। कुछ दूरी पर आगे लेफ्ट साइड में नहर के ऊपर ही पातालेश्वर महादेव का मंदिर बना हुआ है।
अंत में हम इतना ही कहना चाहेंगे कि अगर आप उदयपुर की यात्रा पर हैं तो आपको दो घंटे का समय इस मंदिर के लिए भी जरूर निकालना चाहिए।
तो आज बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। ऐसी ही नई-नई जानकारियों के लिए हमसे जुड़े रहें।
जल्दी ही फिर मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ। तब तक के लिए धन्यवाद, नमस्कार।
पातालेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर की मैप लोकेशन - Map location of Pataleshwar Mahadev Temple Udaipur
पातालेश्वर महादेव मंदिर का वीडियो - Video of Pataleshwar Mahadev Temple
पातालेश्वर महादेव मंदिर उदयपुर की फोटो - Photos of Pataleshwar Mahadev Temple Udaipur
लेखक (Writer)
रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}
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इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।