सांडोल माता के दर्शन के साथ एडवेंचर का मजा - Sandol Mata Mandir Aur Eco Tourism Park in Hindi

सांडोल माता के दर्शन के साथ एडवेंचर का मजा - Sandol Mata Mandir Aur Eco Tourism Park in Hindi, इसमें उदयपुर झाड़ोल मार्ग पर सांडोल माता की जानकारी है।

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आज हम आपको एक ऐसी प्राकृतिक जगह पर लेकर जाने वाले हैं जहाँ पर पहाड़ है, दर्रा है, पानी है, एडवेंचर है और एक मंदिर है जिसमें माता रानी विराजी हुई है।

प्राकृतिक सुंदरता से भरी हुई यह जगह पहाड़ों के बीच में है। पहाड़ों के बीच में ऊँचे नीचे रास्ते से गुजरते हुए इस जगह तक जाना ही अपने आप में टूरिज्म है।

इस जगह पर एक पहाड़ी के नीचे माता का चमत्कारी मंदिर होने के साथ एडवेंचरस ऐक्टिविटीज के लिए वन विभाग की तरफ से इको टूरिज्म नाल भी बनी हुई है।

इस इको टूरिज्म नाल के अंदर दो पहाड़ों के बीच जिपलाइन, ट्री वॉक, वाटर रोलर जैसी ऐक्टिविटीज होती है। साथ ही एनिकट से बहता हुआ पानी फोटोग्राफी के लिए सुंदर बैकग्राउंड का काम करता है।

तो आज हम आस्था और मनोरंजन के अद्भुत संगम के रूप में प्रसिद्ध इस जगह पर चलकर इसके बारे में जानते हैं, आइए शुरू करते हैं।

सांडोल माता मंदिर की यात्रा और विशेषता - Tour and speciality of Sandol Mata Temple


पहाड़ों के बीच से गुजरते नेशनल हाईवे के एक तरफ खाई है, जिसमें पानी बह रहा है, और दूसरी तरफ किनारे पर एक पहाड़ी के नीचे माता का मंदिर बना हुआ है।

देखने में यह मंदिर कोई बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन प्राचीन जरूर है। मंदिर के पास से चारों तरफ देखने में बड़ा सुंदर नजारा दिखाई देता है।

सड़क पार करके मंदिर की तरफ जाते समय आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि एक तो यह मंदिर नेशनल हाईवे के एकदम ऊपर बना है, दूसरा मंदिर के पास घुमाव होने की वजह से आने जाने वाले वाहन जल्दी से दिखाई नहीं देते हैं।

मंदिर के अंदर माताजी अपने मनमोहक रूप में विराजमान है। माताजी के चारों तरफ पहाड़ से सटी हुई परिक्रमा बनी है। मंदिर के अंदर पत्थर के रूप में अन्य प्रतिमाएँ भी विराजमान है।

आस पास के आदिवासी क्षेत्र में इस मंदिर की बड़ी आस्था है। भक्त गण यहाँ पर आते रहते हैं। पास में ही ईको टूरिज्म पार्क बन जाने की वजह से अब यह मंदिर दूर-दूर तक प्रसिद्ध हो गया है।

सांडोल माता ईको टूरिज्म पार्क की यात्रा और विशेषता - Tour and speciality of Sandol Mata Eco Tourism Park


सांडोल माता मंदिर से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर ईको टूरिज्म नाल बनी हुई है। वन विभाग के अंतर्गत आने वाली इस नाल को अब ईको टूरिज्म पार्क का रूप देकर इसमें कई एडवेंचरस ऐक्टिविटीज शुरू की गई हैं।


इन एडवेंचरस ऐक्टिविटीज में जिपलाइन, ट्री वाक, वाटर रोलर आदि शामिल हैं। जिपलाइन यहाँ का प्रमुख आकर्षण है। यहाँ पर एक एनीकट भी बना हुआ है जो बारिश के मौसम में छलक जाता है।

दरार वाले एनीकट से बहता हुआ पानी आगे एक तालाब के रूप में भरा हुआ है जिसमें वाटर रोलर चलाया जाता है। आप इस वाटर रोलर में बैठ कर पानी के ऊपर घूम सकते हैं।

एनीकट के ऊपर दो पहाड़ों के बीच में जिपलाइन शुरू की गई है। जब आप 200 मीटर लंबाई की इस जिपलाइन से एनीकट के ऊपर से गुजरते हैं तो एक अलग ही आनंद आता है।

आने वाले दिनों में यहाँ पर एक 650 मीटर लंबाई की बड़ी जिपलाइन के साथ बोटिंग भी शुरू करने की प्लानिंग है।

पेड़ों के बीच ट्री वॉक करने का मजा अपने आप में एक अलग ही एहसास कराता है। चारों तरफ घनी हरियाली और बहते पानी की वजह से ये जगह फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन है।

वैसे जब हम इस जगह गए थे तब यहाँ पर कोई भी ऐक्टिविटी नहीं हो रही थी। हमने यहाँ पर ना तो जिपलाइन देखी और ना ही वाटर रोलर देखा, शायद हो सकता है उस समय मेंटेनेंस वर्क चल रहा हो।

इस ईको टूरिज्म पार्क में आप सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक घूम सकते हैं। अंदर जाने के लिए प्रति व्यक्ति 30 रुपए एंट्री टिकट है।

अगर आपको जिपलाइन करनी है तो उसके लिए प्रति व्यक्ति 200 रुपए का टिकट अलग से लेना पड़ता है।

सांडोल माता के पास घूमने की जगह - Places to visit near Sandol Mata


अगर सांडोल माता क्षेत्र मंदिर के पास घूमने की जगह के बारे में बात करें तो आप सांडोल माता ईको टूरिज्म पार्क, अलसीगढ़ की पहाड़ियाँ, बदराणा का हरिहर मंदिर, मानसी वाकल बाँध और चंदवास महादेव मंदिर देख सकते हैं।

अगर आपके पास समय है तो झाड़ोल से आगे आवरगढ़ की पहाड़ियों में कमलनाथ महादेव का मंदिर जरूर देखना चाहिए।

सांडोल माता कैसे जाएँ? - How to reach Sandol Mata?


माता के इस मंदिर को सांडोल माता और ईको टूरिज्म पार्क को सांडोल माता ईको टूरिज्म नाल कहते हैं। सांडोल माता के मंदिर से ईको टूरिज्म नाल की दूरी लगभग डेढ़ किलोमीटर है।

सांडोल माता का मंदिर उदयपुर-झाड़ोल मार्ग पर पहाड़ियों के बीच नेशनल हाईवे पर बना हुआ है। उदयपुर रेलवे स्टेशन से यहाँ की दूरी लगभग 40 किलोमीटर और झाड़ोल से लगभग 8 किलोमीटर है।

उदयपुर रेलवे स्टेशन से यहाँ जाने के लिए आपको अहमदाबाद हाईवे पर बलीचा से आगे राइट टर्न लेकर आमागढ़ रेसॉर्ट के बगल से झाड़ोल की तरफ जाना है।

झाड़ोल से लगभग 8 किलोमीटर पहले राइट साइड में सांडोल माता का मंदिर बना हुआ है। यहाँ से लगभग डेढ़ किलोमीटर आगे लेफ्ट साइड में ईको टूरिज्म नाल बनी हुई है।

अगर आप घुमक्कड़ी के साथ धार्मिक नेचर के हैं तो आपको पहाड़ों के बीच एडवेंचर और आस्था के इस संगम पर जरूर जाना चाहिए।

आज के लिए बस इतना ही, उम्मीद है हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। कमेन्ट करके अपनी राय जरूर बताएँ।

इस प्रकार की नई-नई जानकारियों के लिए हमारे साथ बने रहें। जल्दी ही फिर से मिलते हैं एक नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए धन्यवाद, नमस्कार।

सांडोल माता की मैप लोकेशन - Sandol Mata Map Location



सांडोल माता का वीडियो - Video of Sandol Mata



सांडोल माता की फोटो - Photos of Sandol Mata


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें।

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