फिल्मों की शूटिंग के लिए प्रसिद्ध शेखावाटी का यह किला - Mandawa Fort in Hindi

फिल्मों की शूटिंग के लिए प्रसिद्ध शेखावाटी का यह किला - Mandawa Fort in Hindi, इसमें मंडावा के किले यानी कैसल मंडावा होटल के बारे में जानकारी दी गई है।

Mandawa Fort in Hindi

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झुंझुनू जिले में कई कस्बे ऐतिहासिक रूप से समृद्ध हैं जिनमें एक कस्बा है मंडावा। यह कस्बा पुरानी हवेलियों और एक किले को धरोहरों के रूप में अपने आगोश में समेटे हुए है।

आज हम आपको मंडावा कस्बे के मध्य में स्थित एक भव्य एवं ऐतिहासिक किले की यात्रा कराते हैं। इस किले की सीकर से दूरी लगभग 60 किलोमीटर एवं झुंझुनू से दूरी लगभग 28 किलोमीटर है।

इस किले का निर्माण वर्ष 1755 (विक्रम संवत 1812) में ठाकुर नवल सिंह ने करवाया था। ये वही नवल सिंह है जिन्होंने नवलगढ़ कस्बा बसाया था।

किले के परिसर में प्रवेश के लिए एक सुन्दर दरवाजा बना हुआ है। दरवाजे के एक तरफ बोर्ड पर किले के सम्बन्ध में कुछ सूचना लिखी हुई है।

इस दरवाजे से अन्दर प्रवेश करने पर एक बड़ा सा मैदान आता है एवं मुख्य किला दिखाई देता है। यहाँ से मुख्य प्रवेश द्वार शुरू होता है।

इस मुख्य प्रवेश द्वार से अन्दर प्रवेश करने पर एक बड़ा चौक है जिसके चारों तरफ भवन बने हुए हैं। यह स्थान शायद किसी बड़े कार्यक्रम के काम आता होगा।

किले के अन्दर प्रवेश करने पर यह कई चौक की बड़ी-बड़ी हवेलियों के रूप में विभक्त सा प्रतीत होता है। हर हवेली में कई मंजिला निर्माण है जिसमें भव्य कक्ष बने हुए हैं।

किले के अन्दर जगह-जगह सुन्दर भित्तिचित्र बने हुए हैं। इन चित्रों में धार्मिक रीति रिवाजों के अतिरिक्त शिकार, महिला संगीतकारों, गणगौर की सवारी, नामांकित रागमाला जैसे कई अन्य विषयों पर चित्र बने हुए हैं।

राजपरिवार की तरफ से यहाँ पर एक संग्रहालय भी शुरू किया गया जिसमें कई रोचक वस्तुओं के अतिरिक्त राजपरिवार के पुरखों के वस्त्रों का संग्रह भी शामिल है।

वर्तमान में यह किला एक हेरिटेज होटल में तबदील हो चुका है और इसे मंडावा कैसल के नाम से जाना जाता है। इस होटल के एक हिस्से में आज भी राजपरिवार के वंशज निवास करते हैं।


ऐसा माना जाता है कि पुराने समय में मंडावा कस्बा प्रसिद्ध सिल्क रूट पर मौजूद था। एक मुख्य व्यापारिक केंद्र होने की वजह से यहाँ के व्यापारी खूब फले फूले और इन्होंने यहाँ पर कई भव्य हवेलियों का निर्माण करवाया।

यहाँ पर लगभग 100 से अधिक हवेलियाँ बताई जाती है जिनमें हनुमान प्रसाद गोयनका हवेली, गुलाब राय लाडिया हवेली, चोखानी डबल हवेली, बंशीधर नवातिया हवेली, मुरमुरिया हवेली, लक्ष्मी नारायण लडिया हवेली, मोहन लाल सर्राफ हवेली, सेवा राम सर्राफ हवेली, राम प्रताप नेमानी हवेली, झुनझुनवाला हवेली, आदि उल्लेखनीय है।

यहाँ पर एक बावड़ी भी मौजूद है जिसे हरलालकर की बावड़ी के नाम से जाना जाता है।

इन खूबसूरत और ऐतिहासिक हवेलियों ने बॉलीवुड को भी अपनी तरफ आकर्षित किया है। यहाँ पर बँटवारा, गुलामी, जब वी मेट, पहेली, लव-आजकल, बजरंगी भाईजान, पीके, जेड प्लस, मिर्जिया, हॉफ गर्लफ्रेंड आदि फिल्मों की शूटिंग हुई है।

अगर आप घूमने के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहरों को देखने के शौकीन है तो आपको एक बार मंडावा में जरूर जाना चाहिए।

मंडावा के किले की मैप लोकेशन - Map Location of Mandawa Fort



मंडावा के किले का वीडियो - Video of Mandawa Fort



मंडावा के किले की फोटो - Photos of Mandawa Fort


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें।

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