पाँच तलों की सुंदर बावड़ी - Binjya Baori Khandela in Hindi

पाँच तलों की सुंदर बावड़ी - Binjya Baori Khandela in Hindi, इसमें खंडेला में खंडलेश्वर महादेव मंदिर के पास बिंज्या की बावड़ी के बारे में जानकारी दी है।

Binjya Baori Khandela in Hindi

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खंडेला बावड़ियों का शहर है। किसी समय इसमें कुल 52 बावड़ियाँ बनी हुई थी। समय के थपेड़ों ने कइयों को नष्ट कर दिया और कई नष्ट होने की कगार पर है।

आज हम आपको खंडेला की एक ऐसी ही बावड़ी का भ्रमण करवाते हैं जिसे बिंज्या की बावड़ी के नाम से जाना जाता है।

यह बावड़ी ब्रह्मपुरी मुहल्ले में वाटर वर्क्स के ऑफिस के पास स्थित है। इस बावड़ी के निकट ही खण्डलेश्वर महादेव का मंदिर और राजपरिवार की छतरियाँ स्थित है। बावड़ी साफ सुथरी और अच्छी दशा में है।

बावड़ी की लम्बाई और चौड़ाई बहुत अधिक नहीं है लेकिन बावड़ी की गहराई पाँच तलों की है। सबसे नीचे के तल तक जाने के लिए सीढ़ियाँ बनी हुई है। बावड़ी के पीछे की तरफ प्रत्येक तल में गलियारा बना हुआ है।

किसी समय में यह बावड़ी इस क्षेत्र में जल का प्रमुख स्रोत रही होगी। बावड़ी का निर्माण कब हुआ और किसने करवाया, इस सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है लेकिन इसके नाम से पता चलता है कि इसका सम्बन्ध किसी बिंज्या नामक शख्सियत से अवश्य रहा है।


बावड़ियाँ खंडेला की विरासत है जिन्हें सहेजकर सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। हमें यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि ये विरासतें ही खंडेला की पहचान है।

खंडेला के कुछ जागरूक युवाओं ने अभियान चलाकर इसकी सफाई भी की है लेकिन ये प्रयास केवल साफ सफाई तक ही सीमित रहते हैं।

अगर आप प्राचीन धरोहरों को करीब से देखकर उन्हें जानने के इच्छुक हैं तो आपको खंडेला में स्थित इस बावड़ी को अवश्य देखना चाहिए।

बिंज्या बावड़ी की मैप लोकेशन - Map Location of Binjya Baori



बिंज्या बावड़ी का वीडियो - Video of Binjya Baori



बिंज्या बावड़ी की फोटो - Photos of Binjya Baori


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लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें।

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