कर्ज चुकाने के लिए राजा ने दे दी ये शानदार हवेली - Bikaner Maharaja Ganga Singh relation with Rampuria Haveli

कर्ज चुकाने के लिए राजा ने दे दी ये शानदार हवेली - Bikaner Maharaja Ganga Singh relation with Rampuria Haveli, इसमें रामपुरिया हवेली की जानकारी दी है।

Bikaner Maharaja Ganga Singh relation with Rampuria Haveli

आज हम आपको रामपुरिया परिवार द्वारा बनवाई गई रामपुरिया हवेली के बारे में बताने जा रहे हैं जो नौ हवेलियों का एक ग्रुप है।

यह हवेली इतनी ज्यादा भव्य है कि ये अपनी शानो-शौकत और आर्किटेक्चर में देसी ही नहीं विदेशी हवेलियों को भी पीछे छोड़ देती है।

इन हवेलियों के बीच की पतली गलियों में घूमते समय आपको ऐसा लगेगा ही नहीं कि आप भारत के किसी शहर में घूम रहे हैं। ये तंग गलियाँ, इनमें घूमने वालों को यूरोप के किसी शहर में घूमने जैसा एहसास कराती हैं। 

इन हवेलियों में से एक हवेली को टाइटैनिक हवेली कहते हैं क्योंकि इस हवेली के सामने का हिस्सा टाइटैनिक जहाज जैसा लगता है।


रामपुरिया हवेली की सबसे बड़ी खास बात यह है कि धूप की किरणों के साथ इसकी दीवारों का रंग बदलने लगता है। सुबह, दोपहर और शाम के समय हवेली का रंग बदला हुआ दिखाई देता है।

बीकानेर शहर के बीच में बनी इस हवेली के बारे में ऐसा बताया जाता है कि इसे बीकानेर के महाराज गंगा सिंह ने कर्ज चुकाने के बदले में रामपुरिया परिवार को दे दिया था। 

दरअसल महाराजा गंगा सिंह ने बीकानेर के धनी व्यापारी भँवर लाल रामपुरिया से यह कर्ज नहर बनवाने के लिए लिया था।

आज यह हवेली बीकानेर का एक प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन है जहाँ पर फोटोग्राफी करने के लिए देशी और विदेशी पर्यटकों की काफी भीड़ लगी रहती है।


लेखक (Writer)

रमेश शर्मा {एम फार्म, एमएससी (कंप्यूटर साइंस), पीजीडीसीए, एमए (इतिहास), सीएचएमएस}

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डिस्क्लेमर (Disclaimer)

इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
रमेश शर्मा

मेरा नाम रमेश शर्मा है। मैं एक रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हूँ। मेरी क्वालिफिकेशन M Pharm (Pharmaceutics), MSc (Computer Science), MA (History), PGDCA और CHMS है। मुझे पुरानी ऐतिहासिक धरोहरों को करीब से देखना, इनके इतिहास के बारे में जानना और प्रकृति के करीब रहना बहुत पसंद है। जब भी मुझे मौका मिलता है, मैं इनसे मिलने के लिए घर से निकल जाता हूँ। जिन धरोहरों को देखना मुझे पसंद है उनमें प्राचीन किले, महल, बावड़ियाँ, मंदिर, छतरियाँ, पहाड़, झील, नदियाँ आदि प्रमुख हैं। जिन धरोहरों को मैं देखता हूँ, उन्हें ब्लॉग और वीडियो के माध्यम से आप तक भी पहुँचाता हूँ ताकि आप भी मेरे अनुभव से थोड़ा बहुत लाभ उठा सकें।

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